मेघालय में खासी हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (KHADC) और जयंतिया हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (JHADC) चुनावों के नतीजे घोषित हो चुके हैं। इन चुनावों में Voice of the People’s Party (VPP) ने KHADC में सत्ताधारी नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) को हराकर जीत दर्ज की, जबकि JHADC में VPP दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी।
मतदान प्रतिशत और कुल मतदाता
इस चुनाव में कुल 13 लाख मतदाताओं ने हिस्सा लिया।
- KHADC में 76.77% मतदान हुआ।
- JHADC में 85.58% वोटिंग दर्ज की गई।
- सोहियोंग निर्वाचन क्षेत्र में सबसे अधिक 86.06% मतदान, जबकि जिरांग में सबसे कम 51.46% मतदान हुआ।
KHADC चुनाव परिणाम: VPP की बड़ी जीत
KHADC की 29 सीटों में से VPP ने 17 सीटों पर जीत दर्ज की। यह पार्टी के नेता अर्डेंट बसइआवमोइट के नेतृत्व में एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।
- NPP को केवल 4 सीटें मिलीं।
- यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (UDP) ने 5 सीटें जीतीं।
- हिल स्टेट पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (HSPDP) को 1 सीट मिली।
- 2 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।
- बीजेपी और कांग्रेस को कोई सीट नहीं मिली। यह पहली बार है जब कांग्रेस को KHADC में एक भी सीट नहीं मिली।
JHADC चुनाव परिणाम: NPP सबसे आगे, VPP दूसरे स्थान पर
JHADC में NPP ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं। NPP ने 13 सीटें अपने नाम कीं।
- VPP को 8 सीटें मिलीं।
- कांग्रेस और UDP ने 3-3 सीटों पर जीत दर्ज की।
- 2 निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी रहे।
- बीजेपी को यहां भी कोई सीट नहीं मिली। बीजेपी ने 14 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन उसे सफलता नहीं मिली।
महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन
इस चुनाव में कुल 272 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से:
- KHADC में 158 उम्मीदवार, जिनमें 12 महिलाएं थीं।
- JHADC में 114 उम्मीदवार, जिनमें 7 महिलाएं थीं।
राजनीतिक दलों के लिए क्या है यह नतीजे का मतलब?
- VPP ने KHADC में मजबूत पकड़ बना ली है और यह NPP के लिए एक बड़ा झटका है।
- NPP ने JHADC में अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी, लेकिन VPP दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
- बीजेपी और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिससे उनकी क्षेत्रीय राजनीति में पकड़ कमजोर होती दिख रही है।
निष्कर्ष
KHADC और JHADC चुनाव परिणाम 2025 ने मेघालय की राजनीतिक स्थिति को बदल दिया है। जहां VPP ने KHADC में दमदार जीत दर्ज की, वहीं JHADC में NPP ने अपनी पकड़ बनाए रखी। इन नतीजों का असर राज्य की राजनीति पर लंबे समय तक रहेगा।
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