महाकुंभ में नमामि गंगे महायज्ञ ने दिया नदियों की स्वच्छता का अमृत रूपी संदेश।
महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर केन्द्र सरकार की परियोजना नमामि गंगे द्वारा एक भव्य नमामि गंगे यज्ञ का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य गंगा की पवित्रता, स्वच्छता और संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सामूहिक संकल्प लेना था। यज्ञ के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं और गंगा सेवा दूतों ने गंगा के निर्मल प्रवाह के लिए आहुतियाँ अर्पित कीं। हजारों श्रद्धालुओं की सहभागिता वाले इस भव्य आयोजन में 200 से अधिक गंगा सेवा दूतों ने विशेष रूप से भाग लिया और गंगा की अविरलता और पवित्रता बनाए रखने का सामूहिक संकल्प लिया।
युवा शक्ति के जोश और संकल्प से ओतप्रोत यह आयोजन आध्यात्मिकता और पर्यावरणीय चेतना का अनूठा संगम बना। परियोजना के महाकुंभ 2025 में नोडल अधिकारी अथर्व राज पांडे ने कहा कि भारत में 40 फ़ीसदी से अधिक जनसंख्या युवा है और आने वाली पीढ़ी पर ही गंगा स्वच्छता की ज़िम्मेदारी है। गंगा का संरक्षण केवल पर्यावरणीय नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दायित्व भी है। इस ऐतिहासिक आयोजन में गंगा टास्क फोर्स, गंगा विचार मंच, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, जिला गंगा समिति, राज्य स्वच्छ गंगा मिशन और नेशनल बुक ट्रस्ट जैसी प्रमुख संस्थाओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
नमामि गंगे यज्ञ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिक, सामाजिक और पर्यावरणीय चेतना का संगम है। यह आयोजन समाज के सभी वर्गों को गंगा स्वच्छता और संरक्षण के प्रति प्रेरित करता है। गंगा की स्वच्छता और संरक्षण के इस महायज्ञ में सभी श्रद्धालुओं, संस्थाओं और नागरिकों को सक्रिय भागीदारी के लिए आह्वान किया गया।
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